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October 9, 2025
India

जीएसटी की नई दरें किसानों के लिए वरदान साबित होंगी


केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रेस वार्ता

जीएसटी की नई दरें और स्लैब से कृषि के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर असर दिखाई देगा ।इससे विशेष कर छोटे और मंझौले किसानों को बहुत लाभ होगा, कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने के कारण कृषि की लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। यह विचार केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता में व्यक्त किये।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि  जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म-पोषक तत्वों पर GST घटाई गई है, जिससे किसानों को लाभ होगा। साथ ही रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों की तरफ किसानों की प्रवृति निश्चित रूप से बढ़ेगी।   डेयरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई GST नहीं होगा। इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही, साथ ही किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को भी फायदा मिलेगा।

आज अनंत चतुर्दशी का महापर्व है और गणपति बप्पा को हम विदाई देंगे। उनसे यही प्रार्थना है कि सुख-समृद्धि और ऋद्धि-सिद्धि देश की जनता की ज़िंदगी में आए।

जनता की ज़िंदगी बेहतर बने। इसके लिए प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में NDA की सरकार लगातार प्रयत्न कर रही है।

सरकार की कोशिश और प्रधानमंत्री जी के प्रयत्न हैं कि आम आदमी की ज़िंदगी में कठिनाइयाँ न रहें। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने देश को ये कहा था कि GST में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म लाए जाएंगे और वो रिफॉर्म जनता को बड़ी राहत लेकर आएंगे।

किसान और कृषि मंत्री के नाते मैं प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूँ। हमारा संकल्प है कि खेती में उत्पादन की लागत घटाना और उत्पादन बढ़ाना। उत्पादन बढ़ेगा और लागत घटेगी तो किसान का खेती में प्रॉफ़िट बढ़ेगा।

GST में जो सुधार किए गए हैं अगर उन्हें देखें तो उनका बड़ा लाभ देश के किसानों को मिलने वाला है। कुछ कंपनियों ने शुरू कर दिया है। कृषि उपकरण चाहे वो ट्रैक्टर हो, हार्वेस्टर, रोटावेटर हो, अलग-अलग तरह के जो GST घटाकर 5% की गई है वो किसान के लिए वरदान सिद्ध होगी।

हमारे देश के किसानों की जोत का आकार छोटा है। इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं इंटीग्रेटेड फार्मिंग की मतलब खेती के साथ किसान खेती से जुड़े और एलाइड सेक्टर के बाकी काम कुछ न कुछ करे।

जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी, भेड़-बकरी पालन, पॉल्ट्री फार्म, अगर ओवरऑल आप देखेंगे तो पूरे सेक्टर में क्योंकि कृषि और पशुपालन तो एक-दूसरे के पूरक हैं। उस पर भी GST में जो छूट दी गई है वो भी हमारी खेती और किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी।

अगर इससे जुड़ा हुआ ग्रामीण क्षेत्र देखें। तो हस्तशिल्प, चमड़े का सामान, दूध उत्पाद के काम में व्यापक पैमाने पर महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं। जिन्होंने कई बहनों को लखपति दीदी बना दिया है। उनकी ज़िंदगी भी GST में इस छूट से और बेहतर होगी, आमदनी बढ़ेगी और लखपति दीदी के आंदोलन को भी नई ताकत मिलेगी।

अगर हम जीएसटी सुधारो को देखें तो एक उदाहरण के तौर पर कोई ट्रैक्टर अगर 9 लाख रुपए में आता था 9 लख रुपए में खरीदते थे तो अब किसान को 65 हजार रुपए की बचत उसपर होगी।

अगर ट्रैक्टर 35 एचपी का है जिसकी कीमत लगभग 5 लख 80 हजार रुपए होती थी तो एक ट्रैक्टर खरीदने पर 41 हजार रुपए की बचत होगी, 45 एचपी के ट्रैक्टर पर 45 हजार रुपए बचत होगी, 50 एचपी के ट्रैक्टर पर 53 हजार रुपए बचत होगी और 75 एचपी के ट्रैक्टर पर लगभग 63 हजार रुपए बचत होगी तो ट्रैक्टर पर ही अगर बचत देखें तो 25 हजार से लेकर 63 हजार रुपए तक की बचत किसानों को होगी।

डेरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं होगा इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही इसकी मांग भी बढ़ेगी और दूध खरीदकर डेरी उत्पाद तैयार करने वाले वो भी लाभ में रहेंगे और किसानों को भी सीधा जो दुग्ध उत्पादक, पशुपालक हैं उनको सीधा फायदा होगा।

मक्खन, घी इनपर जीएसटी कम की गई है तो निश्चित तौर पर यह स्वदेशी उत्पाद ज्यादा बिकना प्रारंभ होंगे दूध के डिब्बों पर भी जीएसटी घटाई गई है उसका लाभ भी डेरी क्षेत्र को मिलेगा और अगर डेरी क्षेत्र आगे बढ़ेगा तो सीधे किसान और पशुपालक आगे बढ़ेंगे।

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