प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘लोकतंत्र शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते कहा भारत को लोकतंत्र की जननी बताया. उन्होंने कहा- ‘लोकतंत्र सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह एक आत्मा भी है. यह इस विश्वास पर आधारित है कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बावजूद भी तेजी से आगे बढ़ रही है. आज हमारी सरकार की हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है पीएम मोदी ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का विकास दर तमाम चुनौतियों के बावजूद आगे ही बढ़ रहा है. आज पूरे विश्व में भारत लोकतंत्र की एक अलग पहचान बन चुका है. हमने दूसरे देशों को बताया है कि आखिर लोकतंत्र कैसे चलता है और इसके होने के फायदे क्या क्या हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- “भारत में हमारा मार्गदर्शक दर्शन ‘सबका साथ, सबका विकास’ है- जिसका अर्थ है समावेशी विकास के लिए एक साथ काम करना. आज कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. यह स्वयं विश्व में लोकतंत्र के लिए सबसे अच्छा विज्ञापन है. यह अपने आप में कहता है कि डेमोक्रेसी डिलीवर कर सकती है.”
उन्होंने कहा, “निर्वाचित नेताओं का विचार प्राचीन भारत में बाकी दुनिया से बहुत पहले सामान्य बात था. चाहे जलवायु परिवर्तन से लड़ने का हमारा प्रयास हो, जल संरक्षण का, या सभी को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करने का, हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है. हमारी वैक्सीन मैत्री पहल ने दुनिया को लाखों वैक्सीन दी. ये ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना से भी निर्देशित था, जो कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है.”
इससे पहले पीएम मोदी ने विपक्ष के आरोपों पर कहा था कि जब दुनिया के बुद्धिजीवी हमारे देश को लेकर आशावादी हैं, तो इस बीच देश को खराब रोशनी में दिखाने और मनोबल को ठेस पहुंचाने की बातें भी हो रही हैं. दुनिया को भारत ने दिखा दिया है कि लोकतंत्र नतीजे दे सकता है. हमारे लोकतंत्र की सफलता से कुछ लोग परेशान हो रहे हैं. इसी वजह से लोकतंत्र पर हमले किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत आगे बढ़ता रहेगा.