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August 4, 2025
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दिल्ली में प्रदूषण का कारण सिर्फ पराली का जलना नहीं

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चलने वाले वाहनों को सबसे ज्यादा जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि सर्दियों के महीनों में दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को प्रभावित करने वाले प्रदूषकों में वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने अपने अध्ययन का समर्थन आंकड़ों के साथ किया है। आंकड़े बताते हैं कि स्थानीय स्रोतों से फैलने वाले प्रदूषकों में आधे से ज्यादा हिस्सा वाहनों का है। दिल्ली वर्तमान में बहुत खराब वायु गुणवत्ता की चपेट में है। क्योंकि 31 अक्तूबर को दिवाली के त्योहार के बाद से प्रदूषण का स्तर उच्च बना हुआ है। सीएसई द्वारा साझा किए गए नए अध्ययन में कहा गया है कि स्थानीय स्रोत दिल्ली के प्रदूषण में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं। जिसमें सड़क की धूल, निर्माण गतिविधियों से होने वाला प्रदूषण या दिवाली के त्योहारों के दौरान जलाए जाने वाले पटाखों की तुलना में वाहनों से होने वाला उत्सर्जन सबसे बड़ा हिस्सा है। दिल्ली में रोजाना करीब 11 लाख निजी या व्यावसायिक वाहन सड़कों पर चलते हैं।

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