पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों चर्चा में हैं। भारत को लेकर दिए गए उनके अलग-अलग बयान काफी वायरल हो रहे हैं। ये सब तब हो रहा है जब पाकिस्तान अब तक के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। आटे की किल्लत के चलते हालात काफी खराब हो चुके हैं। पूरे देश में महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ रखी है। खाद्य पदार्थ के अलावा पेट्रोल-डीजल, सिलेंडर गैस, फल और सब्जियों के दाम तक सातवें आसमान पर हैं। ऐसे में शहबाज शरीफ के बयानों के कई मायने निकाले जा रहे हैं। आज हम आपको पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के ऐसे ही पांच चर्चित बयानों के बारे में बताएंगे।
1. भीख का कटोरा लेकर हाथ फैलाने को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए
पाकिस्तान अक्सर दूसरे देशों से आर्थिक मदद और कर्ज मांगता रहता है। यही कारण है कि पाकिस्तान को लेकर भिखारी और कटोरा जैसे शब्दों का खूब प्रयोग दुनियाभर में होता रहा है। पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने खुद अपने देश के लिए इस शब्द का प्रयोग किया। पिछले साल अक्तूबर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक कार्यक्रम में कहा था कि देश के लगभग एक तिहाई हिस्से को प्रभावित करने वाली विनाशकारी आपदा के बाद बाढ़ प्रभावित देश को ‘भीख का कटोरा’ लेकर समृद्ध, प्रदूषण फैलाने वाले देशों के समक्ष हाथ फैलाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
2. हमारे दोस्त भी हमें भिखारी समझते हैं
वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की लचर अर्थव्यवस्था का जिक्र किया और कहा कि मित्र देश भी यह सोचते हैं कि हम भिखारी हैं। उन्होंने कहा, ‘आज जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या उन्हें फोन करते हैं, तो उन्हें लगता है कि हम उनसे पैसे मांगने आए हैं।’ अपने संबोधन में शहबाज ने भारत की आर्थिक विकास का भी जिक्र किया। कहा कि भारत आज काफी तेजी से तरक्की कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा, ‘अप्रैल में जब मैं प्रधानमंत्री बना तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पतन के कगार पर थी। इमरान खान की नीतियों ने महंगाई को बढ़ा दिया था। उनकी सरकार ने आईएमएफ के साथ समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया जिससे मौजूदा सरकार के पास कड़ी शर्तों को स्वीकार करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा।’
3. हमसे पीछे देश आज आसमान से बातें कर रहे
शहबाज शरीफ ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान से छोटी अर्थव्यवस्था वाले देश आज हमसे आगे निकल चुके हैं और हम आज 75 साल बाद भी ‘भीख का कटोरा’ लेकर घूम रहे हैं। शहबाज ने कहा, ‘मैं नाम लेकर कहता हूं, अगर एक जमाने में हिंदुस्तान हमसे लोहे के मैदान में आगे था तो हम टेक्सटाइल में उससे आगे थे। हिंदुस्तान के रुपए की कीमत पाकिस्तानी रुपए के मुकाबले कम थी। ऐसे कई देश जिनकी जीडीपी हमसे कम थी, वे आज आसमानों से बातें कर रहे हैं।’
4. भारत के साथ स्थायी शांति चाहते हैं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले साल अगस्त में भी भारत को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान बातचीत के माध्यम से भारत के साथ “स्थायी शांति” चाहता है क्योंकि युद्ध किसी भी देश के लिए कश्मीर मुद्दे को हल करने का विकल्प नहीं है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए, शरीफ ने कहा था कि क्षेत्र में स्थायी शांति संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर मुद्दे के समाधान से जुड़ी है।
5. हमने तीन युद्ध से सबक लिया
शहबाज ने अंतरराष्ट्रीय अरबी न्यूज चैनल अल अरेबिया को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘भारतीय प्रबंधन और पीएम मोदी को मेरा संदेश सिर्फ इतना है कि हम एक साथ बैठें और कश्मीर समेत आपसी मसलों पर बातचीत करें। हमें एक-दूसरे से झगड़े बिना एक दूसरे के साथ आगे बढ़ना है न कि समय और संपत्ति को झगड़े में बर्बाद करना है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमनें भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं और ये अतिरिक्त परेशानियों और बेरोजगारी की वजह बने हैं। हमने इनसे सबक ले लिया है और अब हम शांति से रहना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए पहले हमें अपने वास्तविक मसलों को सुलझाना होगा।’ शरीफ ने आगे कहा कि दोनों देश परमाणु संपन्न देश हैं और दोनों के पास हथियार हैं। अब अगर कोई युद्ध हुआ तो फिर किसका अस्तित्व बचेगा किसका नहीं, यह कोई नहीं जानता है।