पुलिस ने कहा- लोगों को बच्चे चुराने का शक था, भाषा के चलते गफलत हुई
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में तीन साधुओं की पिटाई का मामला सामने आया है। भीड़ ने उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की और उसे पलट दिया। तीनों साधु उत्तर प्रदेश के हैं और मकर संक्राति के लिए गंगासागर जा रहे थे। घटना गुरुवार 11 जनवरी की बताई जा रही है। पुरुलिया के SP अविजीत बनर्जी ने बताया कि तीन साधु किराए की एक बोलेरो से जा रहे थे। गौरांगडीह के पास तीन लड़कियां पास के काली मंदिर में पूजा करने के लिए जा रही थीं। साधुओं की गाड़ी इनके पास जाकर रुकी और उनसे कुछ पूछा। भाषा की वजह से गलतफहमी हुई और लड़कियों को लगा कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं। वे वहां से चिल्लाते हुए भागीं।एसपी बनर्जी ने बताया- इसके बाद स्थानीय लोग साधुओं के पास पहुंचे और उन्हें पास के एक मंदिर में ले गए। इस दौरान भीड़ ने उनसे पूछताछ की और मारपीट शुरू कर दी। कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की और उसे पलट दिया। पुलिस ने साधुओं को भीड़ से बचाया और उनकी शिकायत पर FIR दर्ज की है। 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक साधु मधुर गोस्वामी ने कहा, ‘हम लोग गंगासागर जा रहे थे। रास्ते में अचानक गाड़ी को रोका। लोगों ने हम लोगों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की। गाड़ी में तोड़फोड़ भी की। 200 लोग थे या 300, हमें नहीं पता। हम तो बेहोश हो गए थे। पुलिस-प्रशासन हमें थाने लेकर आ गया। दो लड़कियां भी आई थीं। उन्होंने माफी मांगी। हमने उनसे कहा कि हमारे ही कोई पाप रहे होंगे, जो ये सजा मिली। हम लोग कुछ नहीं चाहते। गाड़ी में टूट-फूट हो गई है तो गंगासागर नहीं जाएंगे। हम लोग अब घर लौट जाएंगे।’ साधु गोस्वामी के साथ पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो भी थे। पश्चिम बंगाल की मंत्री शशि पांजा ने कहा, भाजपा जरूरी सवालों के जवाब नहीं देती। इसके बजाय वे कुछ और पूछने लगते हैं। स्थानीय लोगों ने साधुओं को इसलिए पीटा, क्योंकि उन पर 3 लड़कियों को अगवा करने का आरोप था। स्थानीय लोगों ने लड़कियों को छुड़ाया। जांच जारी है, लेकिन पुरुलिया के भाजपा नेता घटना को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।