नई दिल्ली, 25 मई, 2023 – अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मैरी ने “इस मिनिलातेरालिस्म द फ्यूचर ऑफ ग्लोबल ट्रेड?” शीर्षक के तहत 24-25 मई को नई दिल्ली में आयोजित वार्षिक भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) सम्मेलन 2023 के भाग के रूप में एक सत्र में भाग लिया।इस सत्र में CII के अध्यक्ष संजीव बजाज; CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी और कई यूएई व भारतीय कंपनियां, वैश्विक निवेशक और व्यवसायी शामिल हैं।सत्र ने वैश्विक व्यापार में नई आर्थिक नीतियों और वैश्विक व्यापार के भविष्य को बढ़ाने में क्षेत्रीय और व्यापार समझौतों के महत्व सहित कई विषयों पर चर्चा की। इसके अलावा इसने आयातकों और निर्यातकों के लिए बाजार पहुंच को बढ़ाने और सुगम बनाने के साधनों के अलावा वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को बदलने के लिए मुक्त व्यापार समझौते द्वारा अपनाए गए तरीकों पर करीब से नजर डाली।अल मैरी ने कहा, “यूएई-भारत साझेदारी आर्थिक विकास के लिए एक चालक है, जो 3.8 बिलियन से अधिक लोगों के लिए व्यापार और निवेश के अवसर पैदा करता है। हमारी ठोस आर्थिक साझेदारी दक्षिण एशिया में और इसके माध्यम से क्षेत्रीय और वैश्विक बाजारों में व्यापार और निवेश प्रवाह की जीवन शक्ति में योगदान करती है।”
उन्होंने कहा, “दोनों देश हमारी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने और नए अर्थव्यवस्था क्षेत्रों में विस्तार और निवेश के लिए हमारे दृष्टिकोण का समर्थन करने वाली योजनाओं, रणनीतियों और पहलों को अपनाने के लिए हाथ से प्रयास कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण आर्थिक आयोजन के माध्यम से, हम प्रौद्योगिकी, डिजिटल भुगतान, नवाचार, हरित ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, संचार, लोजिस्टिक्स, परिवहन, अपशिष्ट प्रबंधन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”
अल मैरी ने जोर देकर कहा कि यूएई और भारत दुनिया के लिए एक अद्वितीय व्यापक आर्थिक साझेदारी मॉडल पेश करते हैं, जो हमारे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों की ताकत पर आधारित है। “इस प्रगति का श्रेय दोनों नेताओं की दूरंदेशी दृष्टि और विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आर्थिक और व्यापार सहयोग की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए उनके निरंतर सहयोग को भी दिया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि यूएई साल 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने के साथ बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में इसकी भविष्य की विस्तार योजनाओं के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण का सहयोग करने का इच्छुक है।
अर्थव्यवस्था मंत्री ने कहा, “फरवरी 2022 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित CEPA ने सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए। इसने व्यापार आदान-प्रदान बढ़ाने, निवेश प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और दोनों बाजारों में निर्यातकों व आयातकों के लिए अधिक अवसर और क्षमताएं पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस समझौते ने भारत के साथ सीमा पार व्यापार के लिए एक खुला और गैर-भेदभावपूर्ण वातावरण और यूएई व भारतीय सामानों के 80 फीसदी से अधिक पर सीमा शुल्क को समाप्त करने जैसे लाभों को सक्षम किया है। इसने 11 मुख्य क्षेत्रों और डिजिटल व्यापार और बौद्धिक संपदा अधिकारों सहित 100 से अधिक उप-क्षेत्रों में सेवा प्रदाताओं की पहुंच को बढ़ाया, जिससे कई क्षेत्रों और आर्थिक गतिविधियों में रोजगार के अवसर पैदा हुए।”
अल मैरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों देशों के बीच गैर-तेल विदेश व्यापार 2022 की समान अवधि की तुलना में 2023 की पहली तिमाही में 24.7 फीसदी बढ़ा। इसके अलावा भारतीय बाजारों में यूएई के गैर-तेल निर्यात में 33 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि व्यापार लगभग एईडी180 बिलियन (49 बिलियन डॉलर) था, जो 2021 से 10 फीसदी अधिक था।इसके अलावा अर्थव्यवस्था मंत्री ने कहा कि यूएई की अबू धाबी में 2024 की पहली तिमाही में 13वें विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की आगामी मेजबानी अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए देश के योगदान को बढ़ाएगी, जो दीर्घकालिक सतत विकास प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। “यह बहुलवाद में देश के विश्वास और निर्यातकों, निर्माताओं और निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा करने की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करता है।”उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय और द्विपक्षीय व्यापार समझौते वैश्विक व्यापार के विकास में तेजी लाने, बाजारों तक पहुंच को सुगम बनाने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में कंपनियों के एकीकरण और निवेश प्रवाह को बढ़ाने में योगदान करते हैं।CII वार्षिक सम्मेलन 2023 का आयोजन “भविष्य के मोर्चे: प्रतिस्पर्धात्मकता, प्रौद्योगिकी, स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीयकरण” विषय के तहत किया गया था। सम्मेलन 2023 में नई दिल्ली में G20 अंतर्राष्ट्रीय मंच की भारत की अध्यक्षता के साथ मेल खाता है।