प्रदेश से हज पर जाने वाले लोगों को सऊदी अरब में हज के दौरान आने वाली समस्याओं को खुद ही दूर करने के लिए एक-दूसरे का सहारा बनना होगा। पिछले तीन में 3,738 हज यात्री मदीना मुनव्वरा पहुंच चुके हैं लेकिन उनकी मदद के लिए अब तक कोई खादिमुल हुज्जाज (हज सेवक) मदीना मुनव्वरा नहीं भेजा गया है। प्रदेश के 25,444 यात्रियों की मदद के लिए कुल 60 हज सेवकों का चयन किया गया है।हज कमेटी ऑफ इंडिया हज के लिए सऊदी अरब जाने वाले लोगों की मदद करने के लिए पुरुष व महिला कर्मचारियों को हज सेवक बनाकर उनके साथ ही रवाना करती है। हज सेवकों पर होने वाले कुल खर्च का 50 फीसदी हज कमेटी ऑफ इंडिया और 50 फीसदी राज्य हज कमेटियां वहन करती हैं। हज सेवकों पर हज यात्रियों को ठहराने से लेकर उन्हें हज के अरकान पूरा कराने तक की जिम्मेदारी होती है। हज सेवकों को हज यात्रियों के साथ एक ही उड़ान से भेजा जाता है, जिससे हज यात्रियों को उन्हें पहचानने में दिक्कत न हो। प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता की वजह से हज सेवकों के चयन के लिए लॉटरी नहीं डाली जा पा रही थी। हालांकि हज कमेटी ने राज्य निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर लॉटरी के जरिये 59 पुरुष और एक महिला हज सेवक का चयन किया है। इस बार एकमात्र चयनित महिला हज सेवक पर 222 महिला हज यात्रियों की जिम्मेदारी है।
एक हज सेवक पर 300 हज यात्रियों की जिम्मेदारी
एक हज सेवक पर 200 हज यात्रियों की खिदमत की जिम्मेदारी होती थी। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज यात्रियों को सहूलियत देेने के लिए बीते साल एक हज सेवक पर सिर्फ 150 हज यात्रियों की जिम्मेदारी तय की थी। पर, हज की नई पॉलिसी बनने के बाद इस साल एक हज सेवक पर 300 हज यात्रियों की जिम्मेदारी तय की गई है।हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज सेवकों के उड़ान से संबंधित औपचारिकताएं अभी तक पूरी करके नहीं दी है। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद हज सेवकों को भेजा जाएगा।