क़तर अरब प्रायद्वीप के उत्तर पूर्वी तट पर स्थित इकलौता क्षेत्रीय देश है। इसके दक्षिण में जहां सउदी अरब है, वहीं शेष तीनों ओर फ़ारस की खाड़ी है। एक तेल समृद्ध राष्ट्र के रूप में क़तर दुनिया का दूसरा समृद्ध देश है। सन् १७८३ में कुवैत के अल खलीफ वंश ने यहां शासन करना प्रारम्भ किया। तत्पश्चात यह तुर्की के अधीन रहा। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यह ब्रिटेन के संरक्षण में रहा। १९७१ में स्वतंत्रता मिलने के बाद १९७२ में ख़लीफ़ा बिन हमद का शासन प्रारम्भ हुआ। इसकी आबादी लगभग 22 लाख है, जिसमें से बहुत से लोग प्रवासी हैं।कतर अति उच्च मानव विकास वाला देश है। उच्च आय वाला देश है जो आज समृद्धि के शिखर पर है।
कतर की गिनती उन देशों में की जाती है जहां तेल और गैस का भंडार है। कतर में दुनिया का सबसे बड़ा गैस का भंडार है। इसी तेल और गैस के कारण कतर आज सफलता की सीढ़ी चढ़ता जा रहा है। यही तेल और गैस इस क्षेत्र में विवाद का कारण है।
कतर हमेशा से ऐसा समृद्ध नहीं रहा, 50 साल पहले तक यहां दूर-दूर तक रेत के टीले दिखाई देते थे और मोती पैदा करने का काम किया जाता था।कतर के इतिहास में जाए तो हमें पता चलता है कि 1783 तक कतर तुर्की के हाथ में था। ब्रिटिश औपनिवेश बनने के बाद कतर का नाता ब्रिटेन से गहरा गया। जब ब्रिटेन ने कतर को आजाद किया तो उसकी बागडोर उसने सउदी अरब के हाथ में दे दी। अब सउदी अरब कतर का कर्ता-धर्ता बन गया। मोहम्मद अल थानी को वर्तमान कतर का संस्थापक कहा जाता है। शेख हमद ने जब कतर की सत्ता को अपने हाथ में लिया तो उन्होंने सउदी अरब से अपने आप को अलग कर लिया। इस पर सउदी अरब को बहूत टीस हुई जो अभी तक जारी है। कतर को अब सउदी अरब से रक्षा के संबंध में डर महसूस हुआ। कतर के पास इतनी जनसंख्या नहीं थी कि वो खुद की सेना बना सके, इसलिए उसने दूसरे देशों को अपने देश में सैनिक अड्डा बनाने के लिए आमंत्रित किया।
कतर तेल और गैस के जरिए एशियन, यूरोपियन और अमेरिका के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ कर रहा है। कतर की अलजजीरा चैनल के जरिए उसे अलग ही पहचान मिली। अलजजीरा कतर का माउथपीस बन गया। कतर ने अलजजीरा का गलत फायदा भी उठाया। अलजजीरा ने अरब क्रांति में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, खूब कवरेज दिया। इजिप्ट की सरकार को गिराने और मुस्लिम लीग की सरकार बनाने में अलजजीरा का बड़ा हाथ था। कतर तो यह भी चाहता था कि किसी तरह बशर-अल-असद की सरकार गिर जाए और वहां उनकी मर्जी की सरकार बन जाए। इसी कारण कई अरब देशों ने अलजजीरा पर पाबंदियां लगा दी।
अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कतर ने ब्रिटेन में कई संपत्तियों में निवेश किया है जिनमें लंदन की मशहूर इमारत ‘द शॉर्ड’ भी शामिल है। जर्मनी की फुटबॉल टीम पेरिस सेंट जर्मेन को भी खरीद लिया। कतर भले लगभग पूर्णत: राजशाही वाला देश है लेकिन उसने अपने नागरिकों को आगे रखने के लिेए बहुत से काम किए। एजुकेशन हब के जरिए कतर अरब का शिक्षा का केन्द्र बनता जा रहा है। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ने अपने कैंपस खोले है जिसमें जॉर्जटाउन जैसी यूनिवर्सिटी शामिल है। कतर एयरवेज को फाइव स्टार होटल के नाम दिया जाए तो गलत ना होगा। एयरवेज के सहारे दूसरे नागरिकों को कतर की ओर आकर्षित किया गया और पर्यटन को बढ़ावा दिया गया।