*बाढ़ एक बड़ा हादसा है, लेकिन इंसानियत ज़िंदा है: असगर अली इमाम महदी सलफ़ी*
*दिल्ली: 25 सितम्बर 2025*
मरकज़ी जमीयत अहले हदीस हिन्द के अमीर मुहतरम मौलाना असगर अली इमाम महदी सलफ़ी की क़ियादत में नाज़िम मालियात हाजी वकील परवेज़, मौलाना मोहम्मद रईस फैज़ी, सूबाई जमीयत अहले हदीस पंजाब के ज़िम्मेदारान और अराकीन—खास तौर पर जनाब इरफ़ान अंजुम (खाज़िन सूबाई जमीयत अहले हदीस पंजाब), मुक़र्रम सैफ़ी, मौलाना खुबैब नदवी, मोहम्मद शाहिद आदि—पर मुश्तमिल एक उच्च स्तरीय राहत प्रतिनिधि मंडल ने 23 सितम्बर 2025 को पंजाब के विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाक़ों का दौरा किया।
मंडल ने प्रभावित लोगों से मुलाक़ात की, हालात का जायज़ा लिया और उनके बीच नकद राहत वितरित की। यह जानकारी मरकज़ी जमीयत अहले हदीस हिन्द से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अमीर मुहतरम अपने साथियों के साथ अमृतसर पहुँचे। वहाँ उन्होंने स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) के ज़िम्मेदारान से मुलाक़ात की और एकजुटता प्रकट की। ज़िम्मेदारान ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह (मॉमेंटो) पेश किया। अमीर मुहतरम ने भी उनकी ख़िदमत में मरकज़ी जमीयत अहले हदीस हिन्द का अंग्रेज़ी मासिक द सिंपल ट्रुथ और उर्दू मासिक इस्लाह समाज का विशेष अंक “इहतराम-ए-इंसानियत और मज़ाहिब-ए-आलम” पेश किया।
इसके बाद काफ़िला कुछ हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदाय के लोगों की रहनुमाई में अमृतसर से लगभग 40 किलोमीटर दूर रमदास, कोनेवाला, माछीवां आदि प्रभावित स्थानों का दौरा करने गया। प्रभावित इलाक़ों का जायज़ा लिया गया, ख़ासकर उन घरों का जो या तो पूरी तरह ढह चुके थे या बेहद नुक़सान पहुँचा था। इससे अंदाज़ा हुआ कि बाढ़ ने कितनी बड़ी तबाही मचाई है। प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित परिवारों और अन्य स्थानीय लोगों से मुलाक़ात की, उन्हें ढाढ़स बंधाया और उनके बीच चेक और नकद राहत बाँटी।
रमदास और माछीवां के सरपंच और वहाँ की एक प्रमुख हस्ती पाल जी ने प्रतिनिधि मंडल का स्वागत किया, चाय-पानी का प्रबंध किया और एक प्राचीन व परित्यक्त मस्जिद की सफ़ाई कराकर नमाज़ का इंतज़ाम किया। अमीर मुहतरम, नाज़िम मालियात और अराकीन—इरफ़ान अंजुम, मुक़र्रम सैफ़ी साहब आदि—का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
लगभग रात ढाई बजे यह राहत काफ़िला अमृतसर से मलेरकोटला पहुँचा। अगले दिन मलेरकोटला में सूबाई जमीयत अहले हदीस पंजाब के ज़िम्मेदारान और शहर के अन्य बुज़ुर्ग व सम्मानित व्यक्तियों से मुलाक़ात हुई। अमीर मुहतरम ने जामा मस्जिद में बयान दिया और शाम में यह काफ़िला दिल्ली के लिए रवाना हो गया।