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October 9, 2025
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टैरिफ और भारत-चीन संबंध के मुद्दों पर चीनी राजदूत शू फेइहोंग का विचार

भारत के खिलाफ अमरेकी टैरिफ युद्ध को लेकर नई दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग द्वारा भारत का खुला समर्थन एक तरह से अमेरिका को कड़ा जवाब है। रूस से तेल खरीद के मुद्दे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति भारत से इतने गुस्से में हैं कि उन्होंने भारत पर पचास प्रतिशत का टैरिफ थोप दिया है।  टैरिफ युद्ध का सामना चीन भी कर रहा है। हालांकि चीन ने भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाकर अपना संकेत स्पष्ट कर दिया है। हालांकि भारत की ओर से अमेरिका के खिलाफ ऐसी कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बावजूद अमेरिकी कूटनीति और राजनीति के एक  हिस्से की कोशिश भारत को दबाव में लेने की ही है। ऐसे में भारत को उसके यहां पदस्थापित चीन के राजदूत का खुला समर्थन मिलना भारतीय पक्ष को उत्साहित कर सकता है।यहां यह जान लेना जरूरी है कि आखिर भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने  भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने को लेकर अमेरिका पर सीधा निशाना साधते हुए क्या कहा है? श्री जू ने नई दिल्ली स्थित दो थिंक टैंक चिंतन रिसर्च फाउंडेशन और सेंटर फॉर ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स द्वारा आयोजित “एससीओ शिखर सम्मेलन और भारत-चीन संबंधों की पुनर्स्थापना ” के विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है, “अमेरिका लंबे समय से मुक्त व्यापार से काफी लाभान्वित रहा है, लेकिन अब वह विभिन्न देशों से अत्यधिक कीमतों की मांग करने के लिए टैरिफ को सौदेबाजी के साधन के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।”इस दौरान जू फेइहोंग ने कहा कि चीन भारत के साथ सभी क्षेत्रों में दोस्ती को आदान-प्रदान जारी रखना चाहता है, जिससे दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे देश में अपने परिजनों की तरह आ-जा सकें। चीन विश्व व्यापार संगठन के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए भारत के साथ “दृढ़ता से खड़ा” रहेगा । इस भाषण में श्री जू ने होने जा रहे शांगहाई सहयोग संगठन यानी एससीओ शिखर सम्मेलन की चर्चा भी की। एससीओ की  बैठक की मेजबानी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग कर रहे हैं, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मध्य एशिया, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस के नेता शामिल होने जा रहा है। चीन के राजदूत जू ने इसका जिक्र करते हुए खास तौर पर अमेरिका की ओर से शुरू “व्यापार और टैरिफ युद्ध” पर तीखे प्रहार किए। जू ने इस बारे में कहा कि इसने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली बाधित हुई है। जू के इस बयान से साफ है कि भारत और चीन और करीब आए हैं।

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