चीनी विदेश मंत्री और चीन-भारत सीमा मुद्दे पर चीनी पक्ष के विशेष प्रतिनिधि वांग यी निमंत्रण पर 18 से 20 अगस्त तक भारत की यात्रा कर रहे हैं और वह सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं बैठक करेंगे।
18 अगस्त को, चीन की राजधानी पेइचिंग में आयोजित नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने पत्रकार के प्रश्नोत्तर में कहा कि चीन विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के अवसर से लाभ उठाकर भारत के साथ मिलकर समान प्रयास करना चाहता है, ताकि दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सहमितयों को अच्छी तरह से लागू किया जा सके, उच्च स्तरीय आवाजाही को बनाए रखा जा सके, राजनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाया जा सके, व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया जा सके, मतभेदों को उचित रूप से निपटाया जा सके, और चीन-भारत संबंधों के निरंतर, स्वस्थ व स्थिर विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
माओ निंग ने जानकारी देते हुए कहा कि अक्टूबर 2024 में, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के कज़ान शहर में एक सफल बैठक की, जिसमें चीन-भारत संबंधों में सुधार और विकास की दिशा तय की गई।
उन्होंने कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच बैठक दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता के लिए एक उच्च-स्तरीय माध्यम है। गत वर्ष दिसंबर में, चीन-भारत सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक पेइचिंग में सफलतापूर्वक आयोजित हुई, जहाँ दोनों पक्षों ने सीमा निर्धारण वार्ता, सीमा नियंत्रण, तंत्र निर्माण, सीमा पार आदान-प्रदान और सहयोग आदि विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाई। इस वर्ष, दोनों पक्षों ने राजनयिक माध्यमों से संवाद बनाए रखा है और इन परिणामों के कार्यान्वयन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है।
भारत में आयोजित होने वाली विशेष प्रतिनिधियों की बैठक की चर्चा करते हुए माओ निंग ने कहा कि चीन मौजूदा आम सहमति के आधार पर उपर्युक्त मुद्दों पर भारत के साथ सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से गहन संवाद जारी रखना चाहता है, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से स्थायी शांति बनाए रखा जा सके।
प्रवक्ता माओ निंग के अनुसार, भारत की यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री वांग यी भारतीय समकक्ष डॉ. एस. जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों और समान चिंता वाले मुद्दों पर गहन रूप से विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।