नई दिल्ली, 06 मार्च 2024
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एशियन गेम्स-2022 में मेडल जीत कर भारत का नाम रौशन करने वाले दिल्ली के 11 खिलाड़ियों व 3 कोचों को सम्मानित किया। इस दौरान सीएम ने कैश इंसेंटिव स्कीम के तहत गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़, सिल्वर को 75 लाख और कांस्य को 50 लाख रुपए का चेक सौंपा। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार खिलाड़ियों को हर स्तर पर मदद करेगी। हमने दिल्ली में देश की सबसे बेस्ट स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाई है और अब इसमें कुछ और सुधार करेंगे। उन्होंने कहा, मेडल जीतने के बाद तो हर कोई खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए आगे आता है, लेकिन जब ये खिलाड़ी संघर्ष कर रहे होते हैं, तब उनकी मदद करने कोई नहीं आता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार प्ले एंड प्रोग्रेस और मिशन एक्सिलेंस स्कीम के तहत आर्थिक मदद देकर खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों के लिए तैयार करती है। देश भर के खिलाड़ियों से अपील है कि वो भी दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से जुड़ें और प्रतिभावान बच्चों को निखारने में मदद करें। इस दौरान खेल मंत्री आतिशी, विधायक दिलीप पांडे समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
*इस मुकाम को हासिल करने के लिए हमारे खिलाड़ियों ने कड़ा संघर्ष और त्याग किया है- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी ने पूरी दुनिया में भारत और दिल्ली का नाम रौशन किया है। आप लोग साल दर साल दिल्ली और देश के लिए मेडल ला रहे हैं। हमारे साथ-साथ पूरे देश को आप पर गर्व है। आपके कोच भी बधाई के पात्र हैं जिनकी बेहतरीन ट्रेनिंग ने आपके हुनर को तराशा है। हम आपस में भले ही एक-दूसरे से चाहे कितना भी मत-भिन्नता रखते हों, लेकिन जब हमारे खिलाड़ी विदेश में मेडल जीतते हैं, वहां हमारा तिरंगा लहराता है और सारी दुनिया के सामने राष्ट्रगान बजता है, तो सारा देश आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ खड़ा हो जाता है। आपके लिए तालियां बजाता है और गर्व महसूस करता है कि हमारे खिलाड़ियों ने देश का नाम रौशन किया है। ये मुकाम इतनी आसानी से नहीं पाया जा सकता है। आप लोगों ने इसके लिए बहुत संघर्ष, त्याग और तपस्या की है, तब जाकर यह सब हासिल किया है। हमारी कोशिश है कि हम आपके संघर्ष में आपका जितना सहयोग कर सकते हैं, उतना सहयोग करें।
*खिलाड़ियों को अवसर और सुविधाएं देने का काम सरकारों का है और हम मदद दे रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा 140 करोड़ लोगों का देश है, जहां टैलेंट की कमी नहीं है। कई बार ट्रैफिक लाइट पर कुछ गरीब बच्चे भीख मांगने के लिए जिमनॉस्टिक के करतब दिखाते हैं। कभी वो एक गोले में से निकलते है, तो कभी कोई करतब करते है। उनके जैसा लचीला शरीर बड़े-बड़े जिमनास्ट्स की भी नहीं होगी। अगर करतब दिखाने वाले उन गरीब बच्चों को सही अवसर मिले तो शायद वो दुनिया के बड़े-बड़े जिमनास्ट्स को भी पीछे छोड़ सकते हैं। हमारे देश के गांवों और शहरों में जबरदस्त टैलेंट है और वो टैलेंट संघर्ष भी कर रह हैं। लेकिन उसे सही अवसर और सुविधाएं नहीं मिलीं। उन सभी को वो अवसर और सुविधाएं देने का काम हम सरकारों का था। कमी हम सरकारों के अंदर ही रह गई। किसी एक सरकार को मैं इसका दोष नहीं दे रहा हूं। हम सबको इसके लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
*सरकार में आने के बाद से ही हम उभरते हुए खिलाड़ियों की मदद करने की कोशिश कर रहे- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमारी कोशिश यही थी कि हम ज्यादा से ज्यादा उभरते हुए खिलाड़ियों की मदद करें। हमने जानकारी जुटाई तो पता चला कि देश के कई राज्यों में खिलाड़ियों के लिए बहुत अच्छी पॉलिसी है। हमने उन सभी पॉलिसी को मंगाया और दिल्ली में देश की सबसे बेहतरीन पॉलिसी बनाने की कोशिश की। जब हमने यह पॉलिसी बनाई थी, तब यह देश की सबसे बेहतरीन पॉलिसी थी। लेकिन मुझे पता चला कि कुछ राज्यों ने पिछले 2-3 साल के अंदर अपनी योजनाओं में कई नए सुधार किए हैं। हम उन्हें भी अपनी पॉलिसी में शामिल करेंगे। जिसके बाद दिल्ली की हमारी यह पॉलिसी फिर से देश की नंबर-1 पॉलिसी बन जाएगी। कई बार खिलाड़ी हमें अन्य राज्यों की अच्छी पॉलिसी के बारे में बताते हैं, हम लोग वो सारी चीजें करेंगे।
*संघर्ष के दिनों में ही खिलाड़ियों की मदद करें तो वो काफी तरक्की कर सकते हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। उस दिशा में भी हमने काफी काम करने की कोशिश की है। नए इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने की भी कोशिश की है। सबसे जरूरी बात है कि जब खिलाड़ी संघर्ष कर रहा होता है तो कोई उसकी मदद नहीं करता है और जीतने के बाद जब वो गोल्ड मेडल लेकर आ जाता है तो सारी दुनिया उसके साथ फोटो खिचवाने और उसे अवॉर्ड देने के लिए आ जाती है। अगर संघर्ष के वक्त खिलाड़ी को थोड़ा सा सहारा मिल जाए तो वो दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर सकता है। कई बार हम अन्य देशों से भी सीखते हैं। चीन में बचपन से ही खिलाड़ियों को पकड़ लिया जाता है और उन्हें शुरुआत से ही उस स्पोर्ट्स के लिए तैयार किया जाता है। इसी दिशा में हमने भी कुछ कदम उठाने की कोशिश की है।
*हमने अब तक प्ले एंड प्रोग्रेस के तहत 1500 और मिशन एक्सिलेंस के तहत 400 बच्चों को आर्थिक मदद की है- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी “प्ले एंड प्रोग्रेस स्कीम“ के तहत 17 साल की उम्र तक के बच्चे अगर किसी स्पोर्ट्स में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो हम उस बच्चे को अपनी प्रतिभा निखारने के लिए 1 से 3 लाख रुपए सालाना देते हैं, ताकि उससे वो कोचिंग ले सके, अपनी डाइट का ध्यान रख सके और अपने स्पोर्ट्स का सामान खरीद सके। इस योजना के तहत 2018 से 2022 तक पिछले चार साल के अंदर हमने 1.5 हजार बच्चों को 32 करोड़ रुपए की राशि देकर सहायता की है। वहीं, जो बच्चे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दिखाते हैं। उनके डाइट, ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स सामग्री और खुद को तैयार करने के लिए 16 लाख रुपये की राशि दी जाती है। इसके तहत पिछले चार सालों में लगभग 400 खिलाड़ियों को 25 करोड़ रुपये की मदद दी गई है। जबकि, ओलंपिक, एशियन समेत राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में मेडल जीतकर लाने वाले खिलाड़ियों को कैश इंसेंटिव स्कीम के तहत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके तहत ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने वालों को तीन करोड़, सिल्वर मेडल वालों को दो करोड़ और ब्रांज मेडल लाने वालों को एक करोड़ रुपये दिए जाते हैं। वहीं, एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल लाने वालों को एक करोड़, सिल्वर मेडल वालों को 75 लाख और ब्रांज मेडल वालों को 50 लाख रुपये पुरस्कार के तौर पर दिए जाते हैं। इसके साथ ही खिलाड़ियों के कोचों को भी प्रोत्साहित किया जाता है।
*अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को निखारने के लिए हमने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू की है- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय पटल पर बेहतरीन खिलाड़ी निकल सकें। इसके लिए लिए हमने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की शुरूआत की है। हालांकि, अभी उस यूनिवर्सटी को बनने में करीब तीन साल लगेंगे। लेकिन उस यूनिवर्सिटी के तहत दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल शुरू कर दिया गया है। इसमें दाखिला लेने के लिए पिछले साल देशभर से लगभग 15 हजार बच्चों ने आवेदन किया था। ऐसे में चयन के लिए कड़ी प्रक्रिया हुई और 17 राज्यों में से 172 बच्चों का चयन किया गया। अब इन बच्चों को अंतराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन बच्चों का हौंसला देखकर बहुत गर्व होता है और लगता है कि आने वाले समय में दिल्ली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करेगी। इन 172 बच्चों को 10 ओलंपिक गेम्स के लिए तैयार किया जा रहा है, जिनमें एथलेटिक्स, आर्चरी, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, लॉन टेनिस, टेबिल टेनिस, स्वीमिंग, शूटिंग, वेटलिफ्टिंग और रेसलिंग शामिल हैं। इन दस खेलों के लिए बच्चों को शानदार सुविधा और खेल सामग्री उपलब्ध कराने के साथ ही देशभर से बेस्ट कोचों को नियुक्त किया गया है। ये बच्चे पूरा दिन खेलों के लिए ट्रेनिंग करते हैं।
*स्पोर्ट्स स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चों का मकसद ओलंपिक में गोल्ड लाना है- अरविंद केजरीवाल
सीएम ने कहा कि हमारा मकसद है कि ये बच्चे अनपढ़ न रह जाएं। ऐसे में चयनित बच्चों को कक्षा छह से लेकर नौवीं में दाखिला दिलाया गया है। इनको खेलों के साथ में पढ़ाई भी कराई जाती है, जिससे कि ये लोग अपनी कक्षा में पास हो सकें। स्पोर्ट्स स्कूल को दिल्ली बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से मान्यता दिलाई गई है। अब इन बच्चों को आने वाले समय में अन्य डिग्रियों की तरह खेलों में ग्रैजुएशन की डिग्री मिलेगी। भगवान न करें कि कोई बच्चा अगर आने वाले समय में किसी कारणवश खेलों में करियर नहीं बना पाता है तो ड्रिगी की बदौलत प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकता है। स्पोर्ट्स स्कूल में खेल ही पढ़ाई का जरिया है। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का मकसद ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाना है। अर्जुन की तरह उनका लक्ष्य भी साफ है। आज इन बच्चों की आंखों में एक सपना है और सब लोग उस सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से जुड़कर उन बच्चों की मदद करें। ताकि आने वाले समय में इस जगह पर 11 की जगह 1100 खिलाड़ी बैठें। हम दिल्ली को देश से अलग करके नहीं देख रहे हैं। पूरा देश अपना है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाला हर मेडल राज्य को नहीं, बल्कि देश को मिलता है।
*देश के लिए मेडल जीत कर लाने के पीछे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और तपस्या होती है- आतिशी*
इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हमारे देश में भाषा और संस्कृति की विविधता है, लेकिन जब हमारे खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, तब पूरा भारत एक साथ आ जाता है। जब हमारे खिलाड़ी मेडल जीतकर लाते हैं, उस दौरान जब तिरंगा उठते हैं और हमारा राष्ट्र-गाण बजता है, तब पूरे देश को जितना गर्व होता है, उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम अपने खिलाड़ियों की जीत को देखते है, लेकिन उस जीत के पीछे की उनकी सालों की मेहनत लगी होती है। इसके लिए हमारे खिलाड़ी बहुत कुछ त्यागते हैं और उनकी यही तपस्या और त्याग मेडल के रूप में देश का गौरव बनकर आती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में केजरीवाल सरकार खिलाड़ियों को उनकी तैयारी और ट्रेनिंग के दौरान सपोर्ट करने के लिए कई योजनाएं लेकर आई है। हाल ही में हमने अपना दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी शुरू किया है, जहां छात्रों को अपने खेल में महारत हासिल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। खिलाड़ियों और विश्वविद्यालय के लिए इस तरह की कई अन्य योजनाओं के साथ हमारे मुख्यमंत्री का फोकस है कि भारत को ज़्यादा से ज़्यादा ओलंपिक गोल्ड मेडल कैसे मिल सकते हैं। खेल मंत्री आतिशी ने कहा कि हम मिशन एक्सीलेंस जैसी विभिन्न योजनाओं के साथ नियमित रूप से अपने खिलाड़ियों का सपोर्ट करते रहे हैं। अब हमने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी शुरू की है, जहां 10 ओलंपिक खेलों में ट्रेनिंग के लिए पूरे भारत से उभरते खिलाड़ियों का चयन किया गया है। आज, मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि जब भी खिलाड़ियों को हमसे किसी भी प्रकार के सहयोग की जरूरत होगी, केजरीवाल सरकार हमेशा उनको सपोर्ट करेगी।