केरल में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राज्य यूनिवर्सिटी की छात्राओं के लिए मासिकधर्म की छुट्टी मंज़ूरी दे दी गई है। छात्राओं के लिए न्यूनतम उपस्थिति 75% से घटाकर 73% कर दिया गया है। पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें 60 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपने एक ट्विट में कहा है, “ एक बार फिर केरल ने देश के लिए एक मॉडल प्रस्तुत किया है, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्राओं के लिए मासिकधर्म और मातृत्व अवकाश सुनिश्चित की गई है। समान लैंगिक समाज के लिए LDF सरकार ने एक और प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।केरल देश का पहला राज्य बन गया है जिसने उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को मासिकधर्म की छुट्टी सुनिश्चित कर दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग दारा जारी आदेश में 18 साल से अधिक उम्र की छात्राओं के लिए मातृत्व अवकाश की भी घोषणा की गई है।अब पहले से प्रचलित सेमेस्टर परीक्षा के लिए 75% हाजिरी के बजाय 73% उपस्थिति के साथ ही छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति होगी।11 जनवरी को इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा करने वाली पहली यूनिवर्सिटी कोचीन यूनिवर्सिटी ओ साइंस एंड टेक्नोलॉजी(CUSAT) थी। केरल टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी(KTU) ने फौरन इस निर्णय का पालन किया।
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया(SFI) के नेतृत्व वाली परिषद् की दोनों विश्वविद्यालयों में अध्यक्ष छात्राएं थीं। उन्होंने छात्राओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए अवकाश की मांग की थी। उच्च शिक्षा विभाग ने तुरंत इस मॉडल को पूरे राज्य में लागू कर दिया।